उसने दरिया पार किया जो साहस करके कूद गया।
उसने दिल से याद किया जो पत्थरों से उब गया।
बाहर फैला एक धुँआ सा जो दीखता है सो जूठा सा
उसने खुद को खोज लिया जो अपने भीतर डूब गया।।
उसने दिल से याद किया जो पत्थरों से उब गया।
बाहर फैला एक धुँआ सा जो दीखता है सो जूठा सा
उसने खुद को खोज लिया जो अपने भीतर डूब गया।।
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